11. विषय- जो बीत गई सो बात गई
11. विषय-जो बीत गई सो बात गई
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यूं नजरों को झुकाना शर्माना,
हमें बहुत अच्छा लगता है।
यूं मुस्कराना लबों को नचाना ,
हमें बहुत अच्छा लगता है।
यूं छोटी सी बातों में मुँह फुलाना,
हमें बहुत अच्छा लगता है।
यूं रूठे रब को मनाना,
हमें बहुत अच्छा लगता है।
जो बीत गई सो बात गई,
हमें तुम्हारा नजराना अच्छा लगता है।
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अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियां
आभा मिश्रा-कोटा
(स्वरचित एवं मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरक्षित©®)
[24/07, 11:19 pm] Abha Mishra: (11)
सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन
तत्पश्चात लेखनी मंच को नमन
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधीजन को
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 05:59 PM
Nice
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